Monday, January 11, 2016

पैजामें का नाडा और हमारी जकड़न |

हमारे पैजामें का नाडा कसा हुआ था और हम अपनी बेचैनी का कसूरवार ढूंढ रहे थे इधर उधर .. कभी लगता कि हमें पडोसी सता रहा है , कभी लगता नहीं कोई भूत प्रेत का चक्कर है | विज्ञान का इस्तेमाल तो हम करते हैं अपनी सुविधानुसार सुई से लेकर भाला बनाने हेतु किन्तु अपनी बेचैनी के निवारण हेतु हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण नही अपनाते |
अब बेचैनी बढती जारही है और सबको दोष देने और उलाहना देने के बाद बात कुछ समझ में आ तो रही है लेकिन क्या करें, घर के सभी लोग और सारे रिश्तेदार भी इसी जकड़न से पीड़ित हैं | पैजामे के नाड़े को ढीला करने की पहल कौन करे..?

पता नहीं क्या क्या लिखता रहता हूँ :)