Sunday, January 11, 2015

बसपा में भगदड़ |

अन्ना आन्दोलन और मोदी युग के कारण जिस प्रकार की हवा चली है उसमें सबसे जयादा नुकसान हुआ है बसपा का |
बसपा में लगभग भगदड़ सी मच गयी है |
बसपा के पतन की पटकथा तो 2012 से ही लिखी जा रही है किन्तु मायावती मुगालते में रहीं कि लोग सपा से परेशान होकर (anti incumbency) के कारण फिर उन्हें ही सत्ता में लायेंगे |
 किन्तु अब भाजपा का उत्थान देख कर माया के होश उड़े हुए हैं | अब उनसे अपना कुनबा संभाले नहीं संभल रहा |
तेज तर्रार और चुनावी राजनीती करने वाले उनके कार्यकर्त्ता जनता की नब्ज भांप कर भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं और जो लोग संगठनिक पदों को संभाल रहे हैं वे पिछली मायावती सरकार में इतना खाए-पिए बैठे हैं कि जनता उनसे बात तक नहीं करना चाहती |

उधर मायावती भी जनता के बीच जाना आज भी अपनी तौहीन समझती हैं और रिमोट से ही संगठन चला रही हैं जबकि उनका बेस वोट मोदी के चमत्कार से अभिभूत है |

बचे खुचे लोग फर्जी आंकड़ों से माया को दिवास्वप्न दिखा रहे हैं |

समझने वाली बात ये है कि "जय भीम" और "जय भारत" का नारा लगाने वाले बसपाइयों के लिए "भारत माता की जय" का नारा कोई परायी चीज नहीं है, और तो और "जय श्री राम" कहना भी उन्हें कहीं से कोई दिक्कत नहीं देता |
जय हिन्द ||