Monday, June 2, 2014

दही लो दही...

दही लो दही...
पिछले 30 वर्षों से यही आवाज़ सुनता आरहा हूँ... साइकिल पर एक cane में दही रख कर बेचते हैं...
करीब 20 साल पहले इनके आवाज़ लगाने के अंदाज़ की हम बच्चे नक़ल भी करते थे... "दही लो दही" :)
अभी हाल ही में इनका फोटो लिया... मैंने बताया कि फेसबुक पर डालूँगा, बोले साहब जो चाहे कर लेना मुझे क्या पता...
हमेशा खुश रहते हैं और थोड़ी बहुत खेती किसानी करते हैं.
नाम बताया था इन्होने
लेकिन नाम से क्या करना... ऐसे लोगों के काम बोलते हैं.