Saturday, December 12, 2015

भाषा और जुबान |

मुझे उर्दू नहीं आती 
तुझे हिंदी नहीं आती 
मैं भी कराह रहा 
तू भी कराह रहा,
चल डोर पकड़ते हैं 
दर्द के जुबान की |