Saturday, November 7, 2009

न तो शासनादेश के मर्म को समझा गया और न ही इसे लागू किया गया ...

सर्व समाज के विकास के लिए वर्तमान बहुजन समाज पार्टी की सरकार वचनबद्ध है साथ ही राज्य की वंचित जनता को उनके अधिकारों एवं विकास के अवसरों में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी यह सरकार प्रयत्न करती रहती है। आरक्षण के माध्यम से काफ़ी कुछ हुआ है लेकिन इसका असर सरकारी नौकरियों में ही ज्यादा हुआ है जबकि सरकारी ठेकेदारी जैसे कुछ क्षेत्र हैं जिनसे वह तबका वंचित ही रहा क्योंकि इन क्षेत्रों में पूंजीपती अपना कब्जा जमाये रहते हैं। यही कुछ सोच कर सरकार ने नगर पालिकाओं के ठेकों में आरक्षण की शुरुआत छोटे ठेकों से की इस कदम का पार्टी के लोगो ने दिल से स्वागत किया और नगर पालिकाओं में भी इसे लागू किया जा चूका है लेकिन रामपुर की नगर पालिका में न तो इस शासनादेश के मर्म को समझा गया और न ही इसे लागू किया गया . कहने को तो पालिका पर बहुजन समाज पार्टी का बोलबाला है लेकिन वास्तव में समाजवादी पृष्ठभूमि से आये हुए पार्टी के ये मेहमान तो सिर्फ अपना वक़्त काट रहे हैं . यही नहीं मैंने बहुत पहले प्रशासन को भी लिखा है लेकिन प्रशासन की गति भी इस मामले में अज्ञात कारणों से सुस्त चल रही है . अबतो एक ही आशा है ऊपर भगवान का और नीचे बहिन जी का . वैसे थोडी शिकायत तो उनसे भी है जो अपने अधिकारों के लिए जागरूक तो हो गए हैं लेकिन सजग नहीं हैं... जय भीम ! जय भारत !!