Monday, January 11, 2016

पैजामें का नाडा और हमारी जकड़न |

हमारे पैजामें का नाडा कसा हुआ था और हम अपनी बेचैनी का कसूरवार ढूंढ रहे थे इधर उधर .. कभी लगता कि हमें पडोसी सता रहा है , कभी लगता नहीं कोई भूत प्रेत का चक्कर है | विज्ञान का इस्तेमाल तो हम करते हैं अपनी सुविधानुसार सुई से लेकर भाला बनाने हेतु किन्तु अपनी बेचैनी के निवारण हेतु हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण नही अपनाते |
अब बेचैनी बढती जारही है और सबको दोष देने और उलाहना देने के बाद बात कुछ समझ में आ तो रही है लेकिन क्या करें, घर के सभी लोग और सारे रिश्तेदार भी इसी जकड़न से पीड़ित हैं | पैजामे के नाड़े को ढीला करने की पहल कौन करे..?

पता नहीं क्या क्या लिखता रहता हूँ :)

Saturday, January 2, 2016

नया साल 'उनका' और 'अपना' |

नए साल पर सोशल मीडिया पर ज्ञान बघारने वाले बहुत मिले... यह नया साल नहीं है.. इसे छोडो.. अपना नया साल मनाओ.. आदि इत्यादि |
अरे भाई जिसे मनाना है वह मनायेगा, आप कौन बहुत बड़े ज्ञाता सिद्ध होगये जो वह आपकी बात मानेगा??
बात तो वह शंकराचार्य की नहीं मानता, नहीं तो साईं बाबा के भक्त दीखते नहीं आज | 
आप नया साल न मनाओ लेकिन फालतू का ज्ञान मत परोसो | "अपना वाला" नया साल आप मनाइए हम भी मनाएंगे | क्या करेंगे आप उस दिन ? उस दिन का जश्न दुसरे ढंग का होता है | पूजा-पाठ हवन आदि | इस दिन का जश्न रंगीनी लिए होता है इसीलिए लोग माहौल का फायदा उठाकर जश्न कर लेते हैं | यदि जीवन के टेंशन में थोडा सुकून मिल जाता है तो लेने दो भाई... वह कौन सा इसाई बनने जारहा है | जन्म से मरण तक तो वह उसी कैलेंडर का प्रयोग कर रहा है जिसका नया साल आरहा है | उसका जुडाव है उस कैलेंडर से | अपना केलिन्डर तो उसे देखने भी नहीं आता | यदि आता तो क्यों पूछता की रक्षा बंधन किस तारीख को है ? अरे भाई रक्षा बंधन सावन की पूर्णिमा को होता है, किन्तु उसे समझ में तभी आता है जब आप उसे अंग्रेजी तारीख में बताते हैं | अरे हम अपना जन्मदिन तक तो अंग्रेजी में मनाते हैं फिर "अपने केलिन्डर" से जुडाव कैसे पनपेगा ?
बुरी लगे तो लगे लेकिन मैंने अपनी बात कह दी | अपना काम करो |
हाँ नहीं तो... सुन सुन कर पक गया |