Sunday, March 30, 2014

नेक लोगों द्वारा दिए गए चंदे के वीभत्स बंदरबांट की आशंका.

आम आदमी पार्टी ने दान की पारदर्शिता पर अच्छी पहल की है. उसकी इस पहल का लाभ यह हुआ कि अन्य दल भी अब इस ओर कुछ सोचेंगे. अरविन्द केजरीवाल बार-बार लोगों से अपील करते हैं कि पार्टी को चुनाव लड़ना है और धन की आवश्यकता है. उनकी अपील का असर होता है और ऑनलाइन डोनेशन प्रतिदिन लाखों में आजाता है.

आम जन ने दिल खोल कर #AAP को दान दिया है. उसकी दान दाताओं की सूचि देख कर लगता है कि वाकई लोग अपनी नेक कमाई में से पार्टी को चंदा दे रहे हैं.

लेकिन प्रकारांतर से एक बात की उत्सुकता हो रही है कि आम आदमी पार्टी इन चंदों का करती क्या है? किन मदों में खर्च करती है और वे कितने जरूरी या गैर जरूरी खर्चे होते हैं.

पार्टी ने लोकसभा चुनावों में बिना तैयारी के ही 350 प्रत्याशी उतार दिए हैं. ज्यादातर प्रत्याशी क्षेत्र में अपनी हालत देख कर अपना चुनाव अभियान ठप्प कर चुके हैं लेकिन नाममात्र के लिए गतिविधियाँ चला कर और पदाधिकारियों से मिलीभगत करके झूठी रिपोर्टें ऊपर भिजवा रहे हैं कि प्रत्याशी को धन की कमी आड़े आरही है अतः डोनेशन भिजवाया जाये...!

और मुझे पूरी आशंका है कि इस तरह से नेक लोगों द्वारा दिए गए चंदे का एक वीभत्स बंदरबांट होजायेगा.

क्या अरविन्द इस पर रोक लगाने में सक्षम होंगे?? क्यों न खर्चे को भी पारदर्शी किया जाये.

सत्तु

सत्तु

सत्तु सात प्रकार के धान्य मिलाकर बनाया जाता है .ये है मक्का , जौ , चना , अरहर ,मटर , खेसरी और कुलथा .इन्हें भुन कर पीस लिया जाता है

आयुर्वेद के अनुसार सत्तू का सेवन गले के रोग, उल्टी, आंखों के रोग, भूख, प्यास और कई अन्य रोगों में फायदेमंद होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पाया जाता है। यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है।

जौ का सत्तू : यह जलन को शांत करता है। इसे पानी में घोलकर पीने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है। साथ ही बहुत ज्यादा प्यास नहीं लगती। यह थकान मिटाने और भूख बढाने का भी काम करता है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह वजन को नियंत्रित करने में भी मददगार होता है।

चने का सत्तू : चने के सत्तू में चौथाई भाग जौ का सत्तू जरूर मिलाना चाहिए। चने के सत्तू का सेवन चीनी और घी के साथ करना फायदेमंद होता है। इसे खाने से लू नहीं लगती।

कैसे करें सेवन

सत्तू को ताजे पानी में घोलना चाहिए, गर्म पानी में नहीं।

सत्तू सेवन के बीच में पानी न पिएं।

इसे रात्रि में नहीं खाना चाहिए।

सत्तू का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। इसका सेवन सुबह या दोपहर एक बार ही करना सत्तू का सेवन दूध के साथ नहीं करना चाहिए।

कभी भी गाढे सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि गाढा सत्तू पचाने में भारी होता है। पतला सत्तू आसानी से पच जाता है ।

इसे ठोस और तरल, दोनों रूपों में लिया जा सकता है।

यदि आप चने के सत्तू को पानी, काला नमक और नींबू के साथ घोलकर पीते हैं, तो यह आपके पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद होता है .।

सत्तु के सेवन से ज़्यादा तैलीय खाना खाने से होने वाली तालीफ़ ख़त्म हो जाती है और तेल निकल जाता है .।

इसमें बहुत पोषण होता है इसलिए बढ़ते बच्चों को ज़रूर दे ।