यदि आप जाति के आधार पर आरक्षण लेकर सुविधा उठाएंगे तो फिर उसके ताने भी सुनने ही होंगे , स्वाभिमान कहाँ से आयेगा.
यदि आप निरपेक्ष भाव से समाज का उत्थान चाहते हैं तो आरक्षण को आर्थिक आधार पर कर देने में क्या गलत है ??
यदि आप निरपेक्ष भाव से समाज का उत्थान चाहते हैं तो आरक्षण को आर्थिक आधार पर कर देने में क्या गलत है ??
मैं दलित नहीं हूँ लेकिन अपने कई दलित मित्रों से गरीब हूँ. मेरे बच्चे की फीस मैं मुश्किल से दे पाता हूँ तो क्या मुझ पर तरस नहीं आती आपको?
क्या एक अधिकारी का बच्चा आरक्षण लेता रहेगा और एक उच्च जाति का गरीब सुविधाओं से वंचित रहेगा ?? यदि इतिहास में दलितों के साथ अन्याय हुआ तो क्या अब आप वही चक्र शुरू करना चाहते हैं ??
अंग्रेजों ने हमको पीटा , मारा, काटा, हम पर राज किया , तो क्या आज कोई अंग्रेज मिल जाये तो हम उसके साथ दुर्व्यवहार करें?? वो जमाना और था यह जमाना और है , आज हम भेदभाव नहीं करते और न ही चाहते हैं कि हमारे साथ भेदभाव हो |
अंग्रेजों ने हमको पीटा , मारा, काटा, हम पर राज किया , तो क्या आज कोई अंग्रेज मिल जाये तो हम उसके साथ दुर्व्यवहार करें?? वो जमाना और था यह जमाना और है , आज हम भेदभाव नहीं करते और न ही चाहते हैं कि हमारे साथ भेदभाव हो |
जातिगत आधार पर जो आरक्षण है वह भी तो स्वयम दलितों में भेदभाव पैदा कर रहा है ... जो आगे निकल गए वे स्वयं अपने ही गरीब दलितों का हक़ मर कर आरक्षण का लाभ लिए जारहे हैं. इसलिए यदि सच्चा न्याय चाहते हो तो आर्थिक आधार को अपना लो और आरक्षण को सिर्फ पच्चीस पर्सेंट कर दो. यदि आपको भरोसा है कि आपकी जाती गरीब है तो ज्यादा लाभ उसे ही मिलेगा.
आरक्षण तो सिर्फ दस वर्ष के लिए था... तो फिर इसे अब क्यों बढवाना चाहते हो ??
आरक्षण तो सिर्फ दस वर्ष के लिए था... तो फिर इसे अब क्यों बढवाना चाहते हो ??
No comments:
Post a Comment