जनता को आइना कौन दिखायेगा ??
जनता में भी तमाम विकृतियाँ आगई हैं, मुफ्तखोरी उनके रग रग में बस गयी है, जिसका फायदा राजनेता उठा रहे हैं, उन्हें भारत के खजाने में से साइकिल, चावल, टीवी, wifi मुफ्त में देकर अरबों खरबों की संपत्ति पर कुंडली मार लेते हैं |
चुनावी राजनीती करने वाले नेता लोग जनता को आइना नहीं दिखा सकते | वो काम तो गाँधी, जय प्रकाश नारायण जैसे लोग ही कर सकते हैं, किन्तु दुर्भाग्यवश इनके आंदोलनों को कोई न कोई शातिर अपने लिए इस्तेमाल कर लेता है |
अभी अन्ना को ही लीजिये, सब कुछ ठीक था लेकिन एक शातिर कजरी ने इस आन्दोलन को सैबोटाज कर लिया और परिणाम आपके सामने है |
अन्ना जनता को जिस गन्दगी से बचाना चाहते थे कजरी उसी गन्दगी (मुफ्त मुफ्त मुफ्त का नारा) के सहारे मुख्यमंत्री बनगए |
जनता में भी तमाम विकृतियाँ आगई हैं, मुफ्तखोरी उनके रग रग में बस गयी है, जिसका फायदा राजनेता उठा रहे हैं, उन्हें भारत के खजाने में से साइकिल, चावल, टीवी, wifi मुफ्त में देकर अरबों खरबों की संपत्ति पर कुंडली मार लेते हैं |
चुनावी राजनीती करने वाले नेता लोग जनता को आइना नहीं दिखा सकते | वो काम तो गाँधी, जय प्रकाश नारायण जैसे लोग ही कर सकते हैं, किन्तु दुर्भाग्यवश इनके आंदोलनों को कोई न कोई शातिर अपने लिए इस्तेमाल कर लेता है |
अभी अन्ना को ही लीजिये, सब कुछ ठीक था लेकिन एक शातिर कजरी ने इस आन्दोलन को सैबोटाज कर लिया और परिणाम आपके सामने है |
अन्ना जनता को जिस गन्दगी से बचाना चाहते थे कजरी उसी गन्दगी (मुफ्त मुफ्त मुफ्त का नारा) के सहारे मुख्यमंत्री बनगए |
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