क्या आपको पता है कि आम आदमी पार्टी ने अपने संविधान में महज सवा साल में ही कितने संशोधन कर दिए है.
अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के संविधान को सार्वजनिक करते हुए इसे अपने वेबसाइट पर भी डाला था और उसको पढ़ कर लाखों लोग पार्टी में जुड़े...
पार्टी में जिस स्वराज की बात की गयी थी उससे प्रभावित होकर मैं भी जुड़ा था. लोकसभा प्रत्याशियों के चयन में जिस पारदर्शिता की बात की गयी थी और जिसकी गारंटी पार्टी के संविधान में भी दी गयी थी वह मूर्त रूप में कहीं प्रदर्शित नहीं हुई. सवाल किया तो पता चला की पार्टी ने तो 31 जनवरी 2014 को ही संशोधन कर दिया है नीचे की सारी शक्तियां पोलिटिकल अफेयर्स समिति को दे दिए गए हैं. . क्यों भाई इसका प्रचार क्यों नहीं किया अरविन्द जी ने.
यही नहीं, कहा था कि लोकसभा के प्रत्याशियों के चयन से पहले एक पैनल बना कर वेबसाइट पर डाला जायेगा और फिर उस क्षेत्र के लोगों से राय ली जाएगी... हमने तो वेबसाइट पर डायरेक्ट प्रत्याशी चयन की घोषणा ही देखी...
बहुत बदल गए अरविन्द... तो भाई हम भी बदल गए... गुड बाय कह दिया...
अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के संविधान को सार्वजनिक करते हुए इसे अपने वेबसाइट पर भी डाला था और उसको पढ़ कर लाखों लोग पार्टी में जुड़े...
पार्टी में जिस स्वराज की बात की गयी थी उससे प्रभावित होकर मैं भी जुड़ा था. लोकसभा प्रत्याशियों के चयन में जिस पारदर्शिता की बात की गयी थी और जिसकी गारंटी पार्टी के संविधान में भी दी गयी थी वह मूर्त रूप में कहीं प्रदर्शित नहीं हुई. सवाल किया तो पता चला की पार्टी ने तो 31 जनवरी 2014 को ही संशोधन कर दिया है नीचे की सारी शक्तियां पोलिटिकल अफेयर्स समिति को दे दिए गए हैं. . क्यों भाई इसका प्रचार क्यों नहीं किया अरविन्द जी ने.
यही नहीं, कहा था कि लोकसभा के प्रत्याशियों के चयन से पहले एक पैनल बना कर वेबसाइट पर डाला जायेगा और फिर उस क्षेत्र के लोगों से राय ली जाएगी... हमने तो वेबसाइट पर डायरेक्ट प्रत्याशी चयन की घोषणा ही देखी...
बहुत बदल गए अरविन्द... तो भाई हम भी बदल गए... गुड बाय कह दिया...
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