रामपुर के नालों को कभी गन्दा मत कहना ! मालुम है उनकी सफाई पर हर साल अभियान चला कर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं । इसी लिए कह रहा हूँ साहेब गन्दा मत कहना !!
आपको बताएं की इस साल अस्सी नालों की सफाई के लिए अस्सी लाखसे ज्यादा का खर्च होने की स्वकृति बोर्ड की बैठक में रखा गया था । चूँकि एजेंडा तो एक या दो दिन पहले ही मिलता है इसलिए सोचने का ज्यादा मौका होता नही (या दिया नही जाता ) । तो प्रस्ताव पास होगये और नालों की सफाई शुरू होगई (?) ... और ख़तम भी होगई !
वह तो भला हो लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का यानी मीडिया वालों का कि उन्होंने इस मुद्दे पर ध्यान खींचा कि ये खर्च गले से नही उतरने वाला है... खैर प्रशासन भी जागा और जांच बैठा दी गई...
मन में सवाल उठा कि पिछले वर्ष का खर्चा क्या रहा होगा ?? पता लगा की खर्च की स्वीकृति सत्तर लाख से कुछ कम की ही थी तो हमने सोचा की महंगाई बढ़ गई है अगर दस बारह लाख बढ़ गए हैं तो चलता है । लेकिन ... लेकिन जनाब पिछले वर्ष उतनी राशि से काम नही चला था बल्कि एस्टिमेट को रीवाइज करना पड़ा था और कुल भुगतान एक करोड़ बीस लाख का हुआ था। अब ऐसे में अगर पहले ही पता था की मामला करोड़ से ऊपर का होगा तो फिर अस्सी लाख का बजट क्यों दिया . हाँ समझा रीवाईज कर लेते ...
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ReplyDeleteI think Mr. Pathak knows very well about government administration and type of bureaucracy in Rampur but he can not do anything, since he is not in part of administration.
ReplyDeleteAs a good citizen you are doing very well.
God Bless you
Arey ye nale hai ki maha, laakho rupaye kharch safai ke liye.
ReplyDeletearey bhai muhalon walon ko baant dete rupaye safai ke inaame ke taur pe nale kabhi gande nahi hote.
naale saaf karne ke liye paise the ki afsaron ke garibi saaf karne ke liye rupaye the.